tag:blogger.com,1999:blog-1961251703549212605.post6712076397913562463..comments2023-10-16T04:02:23.836-07:00Comments on भानमती का कुनबा: घर और घाटप्रतिभा सक्सेनाhttp://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-1961251703549212605.post-56175336801085443512012-08-30T00:51:12.473-07:002012-08-30T00:51:12.473-07:00प्रतिभा जी आपका लेख बहुत अच्छा है. लेकिन मै इमरान...प्रतिभा जी आपका लेख बहुत अच्छा है. लेकिन मै इमरान जी के कथन से पूर्णतया सहमत हूँ...यह मनुष्य मात्र की समस्या है और समाज हम से ही बनता है अगर हम चाहें तो समाज की सोच भी बदलेगी... आज नहीं तो कल... . <br />मंजु मिश्राAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1961251703549212605.post-87059266473171250682012-08-30T00:43:39.123-07:002012-08-30T00:43:39.123-07:00ek dam sahi kaha Imran ji ! ek dam sahi kaha Imran ji ! Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1961251703549212605.post-11313671893225317222012-08-29T23:54:24.057-07:002012-08-29T23:54:24.057-07:00इस पुरुष-प्रधान समाज में हम स्त्रियाँ कितनी भी तरक...इस पुरुष-प्रधान समाज में हम स्त्रियाँ कितनी भी तरक्की क्यों न कर लें, मानसिक और आर्थिक रूप से कितना भी सक्षम क्यों न हो ले,......स्त्रियों के प्रति ऐसा साश्नात्मक रवैया नहीं बदल सकता...कुछ बदलाव अवश्य है, लेकिन समानता को जो दर्जा मिलना चाहिए, देखिये, कब प्राप्त होता है?Raginihttps://www.blogger.com/profile/18060074016004549022noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1961251703549212605.post-74557664231814761472012-08-29T23:13:35.963-07:002012-08-29T23:13:35.963-07:00रेवा जी की टिप्पणी को ही मेरे विचार भी समझें।
स...रेवा जी की टिप्पणी को ही मेरे विचार भी समझें। <br /><br /><br />सादर Yashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1961251703549212605.post-70430473659334790052012-08-29T22:25:51.900-07:002012-08-29T22:25:51.900-07:00aap nay jo batein likhi hain...wo hamesha hamare d...aap nay jo batein likhi hain...wo hamesha hamare dimag may chalti rehti hain...par jawab sach may nahi milta kabhi.....sochne par majboor karti hai apki postRewa Tibrewalhttps://www.blogger.com/profile/06289019678581015004noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1961251703549212605.post-41935187607736676082012-08-29T20:56:21.965-07:002012-08-29T20:56:21.965-07:00
व्यक्ति का व्यक्ति से जो स्वाभाविक संबंध होता है-...<br />व्यक्ति का व्यक्ति से जो स्वाभाविक संबंध होता है-सहज, उदार .वह स्वीकार्य क्यों नहीं.एक महिला के लिए अपने आप में एक व्यक्ति होने की गरिमा,क्यों नकार दी जाती है ?<br /><br />बहुत सार्थक आलेख ........स्थिति तो विचारणीय है ही .... !!Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1961251703549212605.post-78160251566871450352012-08-29T20:03:58.370-07:002012-08-29T20:03:58.370-07:00व्यक्ति का व्यक्ति से जो स्वाभाविक संबंध होता है-स...व्यक्ति का व्यक्ति से जो स्वाभाविक संबंध होता है-सहज, उदार .वह स्वीकार्य क्यों नहीं.एक महिला के लिए अपने आप में एक व्यक्ति होने की गरिमा,क्यों नकार दी जाती है ?<br />एक सार्थक आलेख से उठा एक प्रश्न जिसका उत्तर आज भी अधिकतर स्त्रियाँ ढूँढ रही हैं.Nidhihttps://www.blogger.com/profile/07970567336477182703noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1961251703549212605.post-13324636263459393792012-08-29T19:55:21.118-07:002012-08-29T19:55:21.118-07:00विचारणीय पोस्ट ...बहुत -बहुत आभारविचारणीय पोस्ट ...बहुत -बहुत आभारAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/18094849037409298228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1961251703549212605.post-23105578050058428822012-08-29T19:36:34.338-07:002012-08-29T19:36:34.338-07:00rochak post......
rochak post......<br />bhawnavardan@gmail.comhttps://www.blogger.com/profile/09610388468190261713noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1961251703549212605.post-21498103742839480082012-08-29T11:48:17.026-07:002012-08-29T11:48:17.026-07:00आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार ...आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 30-08 -2012 को यहाँ भी है <br /><br /><a href="http://nayi-purani-halchal.blogspot.com/" rel="nofollow"> .... आज की नयी पुरानी हलचल में ....देख रहा था व्यग्र प्रवाह .</a><br />संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1961251703549212605.post-16036821397551822512011-03-28T12:43:43.969-07:002011-03-28T12:43:43.969-07:00कहना भूल गयी थी..इमरान अंसारी जी के बात से सहमत हू...कहना भूल गयी थी..इमरान अंसारी जी के बात से सहमत हूँ और आपके उत्तर से भी.......ये बात अछि लगी...''स्वेच्छा से बांधे गए बंधन को ढीला नहीं करेंगे ;'' वाली.......:)Taruhttps://www.blogger.com/profile/08735748897257922027noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1961251703549212605.post-64556159330866616182011-03-28T12:38:34.021-07:002011-03-28T12:38:34.021-07:00बहुत उम्दा विषय है...प्रतिभा जी..अक्सर इस विषय पर ...बहुत उम्दा विषय है...प्रतिभा जी..अक्सर इस विषय पर बहुत बहस होती है माँ और मेरे बीच.......<br /><br />मेरा उग्र मत होता है दरअसल कि -<br />अगर हम सही हैं....अंतरात्मा से कोई क्षीण से क्षीण पुकार भी हमारे किये का कोई विरोध नहीं करती....उपरवाले का खौफ है दिल में.......तो समाज के तथाकथित ''कोई'' ''किसी'' को क्यूँ किसी चीज़ की प्राथमिकता मिले.....??हम सामाजिक प्राणी हैं...मगर निजी स्तर पर हम इंसान भी हैं...और मन की शांति हमारा एकमात्र ध्येय रहेगा...<br /><br />दूसरी बात - <br />''व्यक्ति का व्यक्ति से जो स्वाभाविक संबंध होता है-सहज, उदार .वह स्वीकार्य क्यों नहीं.एक महिला के लिए अपने आप में एक व्यक्ति होने की गरिमा,क्यों नकार दी जाती है ?''<br /><br />यहाँ तो मैं ही गलत हूँ या शायद थी..क्यूंकि अब सोच बदल गयी.....:)<br />मुझे पहले जैसा लगता था..और ज़्यादातर महिलाएं अब भी शायद सोचती हों...कि ये गरिमा या आत्मसम्मान उन्हें तभी स्वीकार होता है....जब किसी पुरुष के द्वारा प्रदत्त हो.....:( <br />अगर मैं स्वयं में चाहूँ कि नहीं मेरी भी एक गरिमा है तो वो तब तक मुझे नहीं पचेगी जब तक कोई पुरुष आके न कहे कि हाँ तरु तुम्हारी गरिमा स्वयं में है..तुम भी एक स्वतंत्र व्यक्ति हो....:(..<br />मगर अब मैं समझ गयी......इस चीज़ के लिए किसी के भी प्रमाणपत्र के आवश्यकता कतई नहीं है...... <br /><br />खैर.....<br />बहुत अच्छा आलेख है प्रतिभा जी...........सार्थक लेखन के लिए बहुत सारा आभार है.....Taruhttps://www.blogger.com/profile/08735748897257922027noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1961251703549212605.post-59231060660155195532010-12-19T23:48:19.300-08:002010-12-19T23:48:19.300-08:00chahe aurat ho ya fir mard, koi kisi ke bandhan me...chahe aurat ho ya fir mard, koi kisi ke bandhan mein nahi hai, har kisi ko apni zindgi apni marji se jeena ka poora hak hai, baaki sab to is baat par nirbhar hai ki wo apni zindgi kis tarah jina pasand karte hai , bandhano mein bandhi ya fir bediyon se aajaad...ManPreet Kaurhttps://www.blogger.com/profile/17999706127484396682noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1961251703549212605.post-7678681885510581852010-12-06T22:17:19.160-08:002010-12-06T22:17:19.160-08:00इमरान जी ,सही कहा आपने "कोई आपको तभी तक बाँध ...इमरान जी ,सही कहा आपने "कोई आपको तभी तक बाँध सकता है....जब तक आप स्वयं बंधने को तैयार है'-स्वेच्छा से बँधा बंधन ढीला भी नहीं करेंगे हम ,पर कहने से भी क्यों चूकें भला !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1961251703549212605.post-90702461188787456312010-12-06T01:10:26.102-08:002010-12-06T01:10:26.102-08:00प्रतिभा जी,
आपकी काफी बातें सही लगीं.....पर ये स्...प्रतिभा जी,<br /><br />आपकी काफी बातें सही लगीं.....पर ये स्त्री-पुरुष का रोना कब तक?<br />ये स्थिति सबके साथ होती है......क्या एक स्त्री विवाह के बाद पुरुष पर एकाधिकार नहीं चाहती और इसको लेकर क्या गृह-क्लेश की स्तिथि उत्पन्न नहीं होती?<br /><br />आप बुरा न माने ......ये मनुष्य मात्र के साथ होता है....ये समाज उसे हमेशा से अपने अनुसार चलने को मजबूर करता है...चाहें वह स्त्री हो या पुरुष.....और अगर बात ऊँचे स्तर पर की जाये तो ये भारत जैसे देशों में ही है......यूरोपीय देशों में स्त्रियों को ऐसी कोई परेशानी नहीं.......<br /><br />कोई आपको तभी तक बाँध सकता है....जब तक आप स्वयं बंधने को तैयार है......स्वयं से पूछें क्या किसी स्वछन्द महिला को देख कर आप स्वयं ये नहीं कहती की देखो तो सारी मर्यादा, संस्कार ताक पर रख दियें हैं......हमें खुद को बदलना होगा......समाज भी मनुष्यों से ही बनता है|Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1961251703549212605.post-37163538181707441662010-12-04T20:08:00.525-08:002010-12-04T20:08:00.525-08:00विचारणीय पोस्ट ...बहुत -बहुत आभारविचारणीय पोस्ट ...बहुत -बहुत आभारकेवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1961251703549212605.post-36569108740678405862010-12-03T22:13:51.243-08:002010-12-03T22:13:51.243-08:00विचारणीय बात ...विचारणीय बात ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1961251703549212605.post-34929219842763800582010-12-03T21:22:26.548-08:002010-12-03T21:22:26.548-08:00चिंताजनक स्थिति है।चिंताजनक स्थिति है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.com